Supreme Court : -Supreme Court ने 26 साल पुराने अपने पिछले फैसले को आज पलट दिया है। वोट के बदले नोट लेने वाले सांसदों / विधायकों को कानूनी संरक्षण नहीं
Supreme Court ने वोट के बदले नोट मामले में सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। Supreme Court ने कहा है कि वोट के बदले नोट लेने वाले सांसदों / विधायकों को कानूनी संरक्षण नहीं दिया जाएगा। सात जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है। अब अगर सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। बेंच ने 26 साल पुराने अपने पिछले फैसले को पलट दिया है। सीजेआई ने सांसदों को राहत देने पर असहमति जाहिर की है।
कानूनी छूट अब नहीं मिलेगी
विधानसभा और लोकसभा दोनों ही जगह पर राजनीति का रंग खूब देखने मिलता है। कभी चुनाव से पहले या चुनाव के बाद, विधायकों के खरीद-बिक्री के किस्से सामने आते हैं, और कभी-कभी ऐसा भी सुनने को मिलता है कि किसी विधायक या सांसद ने पैसे लेकर सदन में भाषण दिया है। अब अगर सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकेगा. यानी अब उन्हें इस मामले में कानूनी छूट नहीं मिलेगी. यह फैसला CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सहमति से सुनाया है.
1998 के फैसले पर पुनर्विचार
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय बेंच ने इस मामले में 5 अक्टूबर 2023 को अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा था। 1998 में दिये गए फैसले में संसद के सदस्यों और विधायकों को सदन में भाषण देने या वोट करने के लिए रिश्वत लेने पर भी कानूनी सुरक्षा दी गई थी। देश की राजनीति को हिला देने वाले JMM रिश्वत कांड के इस फैसले को 25 साल बाद Supreme Court फिर से विचार कर रही थी। सुनवाई के दौरान, Supreme Court ने पूछा कि क्या संसद के सदस्यों और विधायकों के कार्य में भ्रष्टाचार होने के बावजूद उन्हें मामूली धारा से छूट दी जा सकती है, और इस पर वह सुनवाई करेगा। कोर्ट ने इसे एक नैतिक मुद्दे के रूप में महत्वपूर्ण बताया है।
PM मोदी ने जताई खुशी
वोट के बदले नोट मामले पर Supreme Court के ऐतिहासिक फैसले पर पीएम मोदी ने भी खुशी जताई है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया
पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ‘स्वागतम! माननीय Supreme Court का एक अच्छा फैसला, जो बेदाग राजनीति और व्यवस्था में लोगों के विश्वास को पुख्ता करेगा।’
SHUMAILA /1Mint