RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक: महंगाई और ब्याज दरों में घटने की उम्मीद

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Monetary policy adjustment : आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की पहली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक का फैसला आने वाला है। यह बैठक तीन दिनों से चल रही है और यदि कोई बदलाव होता है आज रेपो रेट पर फैसला हो सकता है जिसका असर ब्याज दरों पर भी होगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने छह बार से रेपो रेट को स्थिर बनाए रखा है। कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक के प्रमुख अब भी सातवीं बार उधार दरों में कोई बदलाव नहीं करेंगे। इस साल के अंत तक, दर कटौती की उम्मीद है, लेकिन RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के फैसलों से सभी को हैरानी हो सकती है।
आप को बता दें कि SBI की रिपोर्ट में यह अनुमान किया गया है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में रेपो रेट में RBI की MPC कमेटी कटौती कर सकती है। बैंक ने बताया है कि करीब 2 महीने के बाद अमेरिका और ब्रिटेन जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में रेट बदलने के ब्याज दरों में परिवर्तन होता है।

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क्या महंगाई दर तय करेगी ब्याज दर

SBI की रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि RBI वर्तमान में अपने मोड़ को नहीं बदलेगा, क्योंकि अभी खाद्य कीमतों के साथ फ्यूल के दामों में उतार-चढ़ाव से महंगाई पर असर हो रहा है। देश में महंगाई दरों में बदलाव खाद्य कीमतों की वजह से होगा। महंगाई दर के बारे में भी SBI ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से जानकारी दी है, जिसके अनुसार जनवरी-मार्च तिमाही में महंगाई दर 5 फीसदी से कुछ ऊपर हो सकती है।
मगर इस दौरान, कोर रिटेल महंगाई दर नीचे आकर 3.37 फीसदी पर गिर गई है, जो 52 महीनों के निचले स्तर के पास है। इसके बाद, जुलाई तक कुल महंगाई दर में भी कमी की उम्मीद है, और फिर सितंबर में यह फिर से बढ़कर 5.4 फीसदी पर पहुंच सकती है, जो इस साल की उच्चतम स्तर है। लेकिन इसके बाद, गिरावट की संभावना होने के बावजूद, 2024-25 में रिटेल महंगाई दर का औसत आशावादी रूप से 4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

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अक्टूबर-दिसंबर में घटेगी EMI

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी अमेरिका और ब्रिटेन जैसी कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं के अगले कदम पर ध्यान देगी। विकसित देशों के मामले में, स्विट्जरलैंड पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने पॉलिसी रेट्स में कटौती की है। दूसरी ओर, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान ने आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है।
Care Edge Ratings ने MPC कमेटी की बैठक से पहले कहा है कि RBI की पॉलिसी संतुलित होगी और उसका ध्यान नकदी पर होगा। उनका मानना है कि MPC अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के दौरान दूसरी छमाही में दरों में कटौती का विचार करेगी क्योंकि तब महंगाई दर 4 फीसदी की सीमा के नजदीक पहुंच जाएगी।

 

HARSHITA/1mint

 


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