Rajim Kumbh Kalp: Chhattisgarh में राजिम कुंभ 2024, आज से शुरू…. होगा ‘रामोत्सव’ का प्रदर्शन

Rajim Kumbh Kalp
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Chhattisgarh: राजिम कुंभ भारत की सनातन परंपरा में एक महत्वपूर्ण आयोजन, कुंभ कल्प, छत्तीसगढ़ के तीर्थ शहर राजिम में होने जा रहा है, जो भारतभूमि के संत परंपरा से जुड़े संतों के जमावड़े को प्रदर्शित करता है। राज्य मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प 24 फरवरी से प्रारंभ होकर 8 मार्च तक चलेगा। इस कार्यक्रम में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होने की उम्मीद है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प 24 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक चलेगा। यह एक भव्य आयोजन है जिसमें भारत भर के विभिन्न स्थानों से साधु, संत, पीठाधीश्वर, मठाधीश, महात्मा और शंकराचार्य शामिल होते हैं। इस साल भी मेले का आयोजन भव्य होगा, राज्य को हर कोने से सजाया जायेगा।
मुख्य मंच पर संगम नगरी का नजारा अयोध्या धाम के रामलला मंदिर जैसा होगा। इस साल की थीम ‘रामोत्सव’ होगी, मेला परिसर सुचारू, सुशासित एवं सुसज्जित होगा। मुंबई की विशेषज्ञ टीम 3डी मैपिंग और लेजर शो के माध्यम से राम कथा का मंचन करेगी, जिससे भक्त मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। राजिम कुंभ की तरह ही राजिम कुंभ की खासियत दुकानों की व्यवस्थित संरचना है, जिससे व्यवसायियों को फायदा होता है।

मंत्री ने राजिम कुंभ में आने वाले सभी आयु समूहों का विशेष ध्यान रखा गया हैं, ताकि उन्हें किसी भी तरह की दिक्क्त न हो। उन्होंने कहा कि शिशु माताओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए मेला स्थल पर भोजन कक्ष स्थापित किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 24 फरवरी से शुरू होने वाले राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेले के लिए राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं। साई ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन राजिम में किया जा रहा है – जो कि छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार राजिम कुंभ की भव्यता को उसके मूल स्वरूप में लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’ का नाम बदलकर ‘राजिम कुंभ कल्प’ कर दिया गया है।

राजिम कुंभ कल्प 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से 8 मार्च यानि महा शिवरात्रि तक चलेगा। इस वर्ष राजिम कुम्भ कल्प रामोत्सव के रूप में मनाया जायेगा। सीएम साय ने कहा कि राजिम कुंभ मेले का आयोजन सदियों से पवित्र ‘त्रिवेणी संगम’ यानी तीन नदियों महानदी, पैरी और सोंढुर के संगम पर होता आ रहा है। इस विशाल आयोजन में पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग उत्साह के साथ भाग लेते हैं।


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