Bageshwar Dham: 15 मार्च यानी आज, एक दिवसीय हनुमान कथा का आयोजन Bageshwar Dham के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री देवघर के कॉलेज मैदान में किये। इस सूचना को Bageshwar Dham के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था । साथ ही, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने फेसबुक पेज पर बताया कि वह यहां के प्रसिद्ध बाबा बैद्दनाथ मंदिर भी जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे।
हालांकि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री हाल ही में बुंदेलखंड महाकुंभ से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन उनका अगला कार्यक्रम तय किया गया है। यह कार्यक्रम जून महीने तक चलेगा। इस अनुसार, उनकी श्री हनुमंत और श्री राम कथाएं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और हरियाणा सहित अन्य राज्यों में होंगी। इन कथाओं की तैयारी पूरी हो चुकी है और शहरों में व्यावसायिक बुकिंग की स्थिति लगभग भरी हुई है।
पंडित शास्त्री का शेड्यूल
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के शेड्यूल के अनुसार, आज के कार्यक्रम के बाद, 18 से 20 मार्च तक वे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में श्री हनुमंत कथा करेंगे। 28 मार्च से 1 अप्रैल तक महाराष्ट्र के नागपुर को मोहाड़ी में श्री राम कथा करेंगे। 4 अप्रैल से 8 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में श्री राम कथा करेंगे। नेपाल में श्री राम कथा 17 अप्रैल से 21 अप्रैल तक करेंगे। बागेश्वर धाम, छतरपुर में श्री हनुमंत कथा 21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक करेंगे। हरियाणा के हिसार में श्री राम कथा 1 मई से 5 मई तक करेंगे। 10 मई से 14 मई तक राजस्थान के पथमेड़ा में श्री हनुमंत कथा करेंगे। 23 मई से 27 मई तक झारखंड के पलामू में श्री हनुमंत कथा करेंगे। 5 जून से 9 जून तक एमपी के नरसिंहपुर में श्री हनुमंत कथा करेंगे।
महाकुम्भ में भी शामिल हुए थे धीरेन्द्र शास्त्री
आहार से लेकर हर व्यवस्था तक, Bageshwar Dham में हाल ही में बुंदेलखंड महाकुंभ का आयोजन किया गया था। इस कुंभ में 151 गरीब कन्याओं की शादियां संपन्न की गईं, जिन्हें शादी के साथ-साथ दूल्हों को बाइक भी दी गई। यहां इस महाकुंभ में 25 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। एक कई दिनों तक चलने वाला मेला आयोजित किया गया था।
इस महाकुंभ में प्रसिद्ध गायक बी प्राक, शंकर महादेवन, सोनू निगम जैसे कई कलाकार शामिल थे। कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने भी अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सैकड़ों भजन मंडलियों ने यहां लोगों को भक्ति में लिप्त किया। गरीब कन्याओं के विवाह के संदर्भ में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इन कन्याओं की शादी से उनकी बेटियों के चेहरों पर खुशियों का प्रकटीकरण होता है। इससे उन माता-पिता को भी कन्यादान का आदर्श मिलता है, जिनकी कोई बेटी नहीं है।
Harshita/1mint