नई दिल्ली : नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) केंद्र सरकार के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद पूरे देश में लागू होने के बाद जहां सत्ता पक्ष अपने द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की दुहाई दे रहा है वहीं विपक्ष नागरिक संशोधन अधिनियम(CAA) के खिलाफ अपनी राय दे रहा है पर इन राजनीतिक मुद्दों से हटकर आज हम जानेंगे वास्तविकता में क्या है नागरिक संशोधन अधिनियम, क्या है इसके फायदे तथा यह कानून का क्या महत्व है ।
जाने क्या है नागरिक संशोधन अधिनियम ( CAA)
1- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019, भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है. यह अधिनियम, 1955 के नागरिकता कानून में संशोधन करता है. इस अधिनियम के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफ़ग़ानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, और ईसाई को नागरिकता दी जाएगी।
2- नागरिकता संशोधन अधिनियम का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है. यह उन्हें अवैध प्रवासन कार्यवाही के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है. नागरिकता के लिए पात्र होने के लिए, आवेदकों को 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करना होगा।
3- नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था. 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया।
4- CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए किसी भी अल्पसंख्यक व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष भारत में व्यतीत करने होंगे तभी वह व्यक्ति भारतीय नागरिक बनने के लिए पात्र होगा।
5 – यह कानून भारतीय संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम के कुछ ट्राईबल क्षेत्र में नहीं लागू होगा ।
6 – नए विधेयक के अंतर्गत यह प्रावधान है की पड़ोसी देशों के अल्संख्यक यदि 5 साल से भारत में रह रहे हैं तो वे अब भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है। पहले भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था।
केंद्र सरकार ने अपने किए वादे के मुताबिक जहां यह कानून लागू कर दिया जिससे वह प्रवासी जो 31 दिसंबर 2014 से भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं उनको भारतीय नागरिक बनने का अवसर प्राप्त होगा।
Nitesh Tiwari / 1mint
केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना , देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू