Mukhtar Ansari को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा, जुर्माना भी लगा

Mukhtar Ansari
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36 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने Mukhtar Ansari को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है| विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने गाजीपुर में फर्जीवाड़ा कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार कर सजा सुनाई जिसमें अदालत नें उन्हें आजीवन कारावास के साथ दो लाख दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

 

आज फर्जी शस्त्र लाइसेंस से जुड़े एक मामले में माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है| मंगलवार को Mukhtar Ansari को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने 36 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया| आईपीसी की धारा 466/120B, 420/120, 468/120 और आर्म्स एक्ट के तहत इस मामले में केस दर्ज किया गया था|

Mukhtar Ansari

 

आखिर क्या है 36 साल पहले का मामला:

 

माफिया अंसारी के खिलाफ आरोप ये है कि उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र दोनाली बंदूक के लिए लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था | फर्जीवाड़ा सामने आने पर 4 दिसंबर 1990 को सीबीसीआईडी द्वारा मुहम्मदाबाद थाने में अंसारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था|

यूपी में एक समय था जब बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का नाम आतंक के साथ जुड़ा था, लोग उनसे भयभीत रहते थे। उनके अपराधों की विवरणी देने का साहस उन्हें तब तक नहीं मिल पाता था। लेकिन आज, इस माफिया की हालत बहुत ही खराब है। जिला अदालत से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक के दरवाज़ों को खटखटाते हुए भी, उन्हें थोड़ी भी राहत नहीं मिल रही है। खबरें ये है कि अंसारी के खिलाफ आरोप है कि 1987 में उन्होंने एक दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस पाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाये थे। इसके बाद, सीबीआई द्वारा Mukhtar Ansari के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

समाचार में यह बात सामने आई है कि यूपी में पहले आतंक का प्रतीक रहे बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी अब अपने अपराधों की सजा भुगत रहे हैं। एक समय था जब उनके नाम से लोगों की हड़कंप होती थी, लेकिन आज उनकी हालत बहुत बद से बदतर हो गई है। जिला अदालत से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक के गेट खटखटाने के बावजूद, इन्हें अब राहत नहीं मिल रही है। उन्हें 1987 में एक दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप था। इसके बाद, सीबीआई ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

Harshita/1mint

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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