Kisaan Aandolan : बीते कई दिनों से जहां किसान अपनी मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब की सीमा पर डटे हुए हैं वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी रहत दी हैं। सरकार ने गन्ने की कीमत 315 रुपये से बढाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी।
MSP के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गन्ने के लिए उचित लाभकारी मूल्य को बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी। मोदी सरकार ने 2024-25 के लिए गन्ना खरीद की कीमतों में 8 प्रतिशत का इजाफा कर दिया, और यह कीमत इस साल अक्टूबर से लागू की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ”गन्ने का उचित और उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आने वाले सीजन में 1 अक्टूबर, 2024 से 30 सितंबर, 2025 की अवधि में मूल्य तय करने का निर्णय लिया गया है।” चीनी मिलों द्वारा किसानों को वर्ष 2024-25 के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य तय करने का निर्णय लिया गया, जो पिछले साल 315 रुपये था, इस साल उसे बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया।’
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार ने किसानों की अधिक आय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ”हम पहले भी बातचीत के लिए तैयार थे, आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेंगे। हमें कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे हमारे भाई और अन्नदाता हैं।”
FRP गन्ना उत्पादकों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में काम करता है, यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित आय प्राप्त हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी FRP है। यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने FRP में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है।
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