दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal के गिरफ्तार होने के खिलाफ एक तरफ़दारी का रुख अपनाया है, जो शराब नीति मामले से संबंधित है। ईडी का दावा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में कानूनी आधार नहीं है
दिल्ली शराब नीति के मामले में सीएम Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी के खिलाफ ED ने विरोध किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी वैध है और केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ED ने कहा कि केजरीवाल को 9 समन भेजे गए लेकिन वे किसी भी समन का पालन नहीं किया। उनका गिरफ्तारी में दुर्भावना का कोई आरोप नहीं है। साथ ही, वे नेताओं के साथ अलग तरह का व्यवहार करने के लिए संविधान के तहत नहीं हैं। संविधान के तहत हर व्यक्ति को न्यायिक दृष्टिकोण से बराबरी का अधिकार है।
यह भी पढ़ें : Lok Sabha Election 2024 : Yogi Adityanath का तंज, ‘कांग्रेस चाहती है शरिया कानून, नहीं की संविधान की
जानिए ED ने क्या कहां ?
ED ने सुप्रीम कोर्ट में उठाए गए मुद्दे में कहा कि PMLA के सेक्शन 17 के तहत केजरीवाल के बयान को रिकॉर्ड किया जा रहा था, लेकिन उन्होंने इस दौरान भी ED के सवालों का जवाब नहीं दिया। उनका कहना है कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट की दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिली। उन्होंने हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में हुई गड़बड़ी का मुख्य साजिशकर्ता Arvind Kejriwal को करार दिया है, केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि इसमें आप के कई बड़े नेता और मंत्री शामिल रहे हैं. ऐसे में केजरीवाल से पूछताछ जरूरी है. वहीं आप ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि बीजेपी राजनीतिक बदले की भावना के तहत ये सब कर रही है।
POOJA /1MINT