Akhilesh Yadav CBI Notice: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश अवैध खनन मामले में समाजवादी पार्टी प्रमुख Akhilesh Yadav को गवाह के तौर पर कल 29 फरवरी को पेश होने के लिए समन जारी किया है। मामला ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के कथित उल्लंघन में अवैध रूप से खनन पट्टे जारी करने से जुड़ा हुआ है। अवैध खनन का में इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा जिसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
बता दें कि सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी कर Akhilesh Yadav को गुरुवार को दिल्ली में पूछताछ के लिए संघीय (फेडरल) एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा। धारा 160 के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी को जांच में गवाहों को बुलाने की पूरी अनुमति होती है।
जानकारी के अनुसार यह मामला 2012-16 के बीच का है, जब Akhilesh Yadav उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि लोक सेवकों ने अवैध रूप से खनन की अनुमति दी थी और खनन पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया था।
बताया जा रहा ही कि अधिकारियों की जानकारी में ही खनिजों की चोरी हो रही थी और इसके लिए पट्टाधारकों और ड्राइवरों से पैसे भी वसूले गए थे। लघु खनिजों के अवैध खनन के मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 2016 में प्रारंभिक जांच दर्ज की थीं। अधिकारियों ने मुताबिक एजेंसी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के कार्यालय ने एक ही दिन में 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख, जिनके पास कुछ समय के लिए खनन विभाग भी था, ने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए 14 पट्टों को मंजूरी दी थी, जिनमें से 13 को 17 फरवरी 2013 को मंजूरी दे दी गई थी। एफआईआर के अनुसार, 2012 और 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे Akhilesh Yadav के पास 2012-13 के दौरान खनन विभाग था, जिससे जाहिर तौर पर उनकी भूमिका शक के घेरे में आ गई है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पट्टाधारकों के साथ-साथ अन्य लोगों के अवैध रूप से लघु खनिजों का उत्खनन करने, लघु खनिजों की चोरी करने और लघु खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों के चालकों से भी पैसे वसूलने की अनुमति दी गई थी।
आपके जानकारी के लिए बता दे की समाजवादी पार्टी प्रमुख Akhilesh Yadav ने बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी पर इंडिया गठबंधन से घबराने और अन्य पार्टियों को तोड़ने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले बागी विधायकों के खिलाफ भी कार्रवाई की घोषणा की है।
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 सीटों में से 8 पर जीत हासिल की, जबकि एसपी ने दो सीटें जीतीं। मुकाबला तब प्रभावित हुआ जब भाजपा ने पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ के रूप में आठवां उम्मीदवार खड़ा किया, जो अंततः 7 सपा विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद विजयी हुए।