डायबिटीज मेलिटस जिसे सामान्यता मधुमेह (diabetes) कहा जाता है एक प्रकार की चयापचय संबंधित बीमारियों का समूह है जिसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च होने के कारण रुधिर मे सामान्य नियमन नहीं हो पाता है जैसे बहुत सारे लक्षण पेशाब आना, प्यास की बढ़ोतरी होना, भूख में वृद्धि होना आदि लक्षण है मधुमेह(Diabetes) एक प्रकार की आजीवन रहने वाली एक ऐसी स्थिति है किसी व्यक्ति के शरीर में रक्त शर्करा को बढ़ाती है। यदि मधुमेह अनावरत बना रहे तो इसकी कई दीर्घकालिक गंभीर जटिलताओं हृदय रोग, स्ट्रोक्स, क्रॉनिक किडनी की विफलता, पैर अल्सर एसिडोसिस, तथा आंखों को नुकसान भी हो सकता है।
आखिर क्यों होता है मधुमेह
यद्यपि समाज में ऐसी भ्रांतियां फैली रहते हैं कि लगातार शर्करा युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करने से शुगर रोग या डायबिटीज उत्पन्न होता है। लेकिन इन भ्रांतियों के विपरीत डायबिटीज रोग होने का मूलता कारण हमारे रुधिर में इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी होना है। अग्नाशय की अल्फा व बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित हार्मोन क्रमश: ग्लूकेगन व इंसुलिन हमारे रुधिर में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है । अनियमित दिनचर्या व कई अन्य कारणों के कारण हमारे अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन को कम कर देती है या स्वता बंद कर देते हैं जिससे हमारे रुधिर में ग्लूकोज का मात्रा बढ़ जाती है। व लगातार ग्लूकोज की रक्त में दिखता ही डायबिटीज का रूप ले लेते हैं जोकि आगे चलकर अन्य जटिलताओं का कारण बनता है।
क्या है मधुमेह के प्रमुख लक्षण
यदि बात करें मधुमेह के लक्षणों कि बहुत ज्यादा और बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, लगातार भूख लगना, दृष्टि धुंधली होना , वजन कम होना , अकारण थकावट महसूस होना , घाव ठीक ना होना यह देर से भरना, हाथ पैरों में झुनझुनाहट, सूनापन या जलन रहना, पिंडलियों में दर्द , चिड़चिड़ापन होना व अन्य मानसिक तनाव होना इत्यादि के प्रमुख लक्षण है।
मधुमेह के प्रकार
मधुमेह या डायबिटीज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। डायबिटीज मेलिटस व डायबिटीज इंसिबिटर्स
टाइप 1 मधुमेह ( diabetes) – जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्नाशय में उपस्थित बीटा कोशिकाओं को किन्ही कारणों से नष्ट कर देती है जिससे शरीर में इंसुलिन की कमी होती है। इंसुलिन की कमी होने के कारण रक्त में ग्लूकोज बढ़ जाती है जिससे टाइप 1 मधुमेह में होता है।
टाइप 2 मधुमेह शरीर में पर्याप्त इंसुलिन ना बन पाने के कारण शरीर की कोशिकाओं पर इंसुलिन का प्रभाव खत्म हो जाता है जिससे कोशिकाएं ग्लूकोज के अवशोषण को बंद कर देती है।
डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसका इलाज किसी भी दवा पर निर्भर नहीं है। यह एक लाइफस्टाइल से जुड़ा हुआ रोग है , और आप अपनी लाइफ स्टाइल को बदल कर ही छुटकारा पा सकते हैं। जो लोग डायबिटीज जैसी खतरनाक रोग की चपेट में आने के बाद गंभीर नहीं होते हैं यानी कि मीठा खाना नहीं छोड़ते, फास्ट फूड का शौक रखते हैं , बढ़ते वजन पर ध्यान नहीं देते , व्यायाम या योग नहीं करते, शराब पीते हैं , वह मीठा खाना बंद नहीं करते , उन लोगों यह रोग जटिलताएं बन जाता है। जबकि अगर रोगी अपने रोग को लेकर गंभीर रहें और अपने जीवन शैली में जरूर बदलाव करें तो डायबिटीज से छुटकारा पाना संभव है। डायबिटीज रोग का नियंत्रण आप ग्लूकोस संबंधित भोज्य पदार्थ का ना लेना या बहुत कम मात्रा में लेना आदि इनका प्रमुख रोकथाम है।
नितेश/ 1mint