महान गायक पंकज उधास का लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में निधन

pankaj udhas
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चिट्ठी आई है’ जैसे यादगार हिट गाने देने वाले महान गायक पंकज उधास का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, उनके परिवार ने आज इसकी पुष्टि की उधास परिवार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “बहुत भारी मन से हम आपको बतारे है लंबी बीमारी के कारण 26 फरवरी को पंकज उधास हमारे बीच नहीं रहये ” सूत्रो ने बताया कि “नाम”, “साजन” और “मोहरा” सहित हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में पहचान बनाने वाले उधास का सुबह 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।

गायक पंकज की सदाबहार गजले चांदनी रात में’, ‘ना कजरे की धार’, ‘और आहिस्ता किजिये बातें’, ‘एक तरफ उसका घर’ और ‘थोड़ी थोड़ी पिया करो’ इनकी वजह से वो हमेशा हमारे बिच रहेंगे। गायक, जिन्होंने एक टैलेंट हंट टीवी शो, ‘आदाब आरज़ है’ भी शुरू किया, दुनिया भर के संगीत समारोहों में प्रदर्शन किया और उनके नाम पर कई एल्बम भी थे। उनके निधन की खबर आते ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया।

प्रधानमंत्री ने कहा :-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंकज उधास की गजलें सीधे आत्मा से बात करती हैं।”हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी और जिनकी ग़ज़लें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वह भारतीय संगीत के एक प्रतीक थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ अपनी विभिन्न बातचीत याद है।”
उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकता। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।”

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा

नुकसान पर शोक जताते हुए कहा कि पंकज उधास के गाने हर उम्र और वर्ग के लोगों के दिलों को छूते हैं और वह अपने गानों और ग़ज़लों के जरिए हमारे बीच रहेंगे।

गायक को महेश भट्ट की 1986 की फिल्म ‘नाम’ से प्रसिद्धि मिली, जिसमें नूतन, कुमार गौरव, संजय दत्त, पूनम ढिल्लों, अमृता सिंह और परेश रावल ने अभिनय किया था। उनका गाना ‘चिट्ठी आई है’, जो बहुत हिट हुआ, बीबीसी रेडियो द्वारा सहस्राब्दी के 100 गानों में से एक के रूप में चुना गया था।पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे।शुरुआत में उन्होंने वाद्य तबला सीखना शुरू किया लेकिन बाद में गुलाम कादिर खान साहब से हिंदुस्तानी गायन शास्त्रीय संगीत का अध्ययन किया।इसके बाद उधास ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर से सीखने के लिए मुंबई चले गए।

गायक का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।

NISHANT / 1MINT


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